tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post112864187933571070..comments2023-09-11T11:20:06.845-04:00Comments on मानसी: पहला लेख ब्लाग पर - १Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी http://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1129040217714038522005-10-11T10:16:00.000-04:002005-10-11T10:16:00.000-04:00हांजी ये रहा हमारा मेल का पताash.shri@gmail.comहांजी ये रहा हमारा मेल का पता<BR/><BR/>ash.shri@gmail.comAshish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128720853008011052005-10-07T17:34:00.000-04:002005-10-07T17:34:00.000-04:00ये आशीष कुमार के लिये: आशीष क्या तुम मुझे अपना ई...ये आशीष कुमार के लिये: आशीष क्या तुम मुझे अपना ई-मेल पता भेज सकते हो? यहां इस तरह तो नहीं होती astrology. मुझे और भी कुछ बातें पूछनी होंगी और ये तय करना होगा कि तुम्हारा birth time कितना सही है। तुम्हारे द्वारा दिये गये जन्मसमय की जानकारी के अनुसार क्या ये संभव है कि १९९९ अप्रैल से २००० अप्रैल के बीच तुम किसी लंबी या स्थाई रूप से अपने देश से बाहर गये थे? और क्या २००२ में ....अब हर सवाल तो नहीं पूछा जा सकता इस तरह...और ऐसे ही कई और प्रश्न पूछने होंगे जो मुझे कुछ भी judge करने में मदद करंगे। हां जैसे मैने पहले बताया है मैं अभी भी सीख रही हूं, पक्का वादा नहीं है कि जो बताऊंगी सब सच ही होगा |Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128704580822544182005-10-07T13:03:00.000-04:002005-10-07T13:03:00.000-04:00मानोशी जी,आपका लेख अच्छा लगा. कुछ हटकर पढने को मिल...मानोशी जी,<BR/>आपका लेख अच्छा लगा. कुछ हटकर पढने को मिला.<BR/>मै अभी तक <A HREF="http://www.ashish.net.in/khalipili/?p=12" REL="nofollow">सुखी (क्वांरा) </A>ही हुं. अब जब अनूप भाई मेरे लिये कोई कन्या नही ढुंढ पाये तो आपकी तरफ भेज दिया.<BR/>पता नही मेरा ज्योतिष पर विश्वास है या नही? पक्के तौर पर कह नही सकता क्योकिं उपरी तौर पर यह जरूर कहता हूं कि मै इन चिजो पर भरोसा नही करता लेकिन यदि कोई भविष्यवाणी बुरी है तो मन कांप जाता है.<BR/>वैसे मेरी जन्मकुंडली को लेकर चला जाये तो मै अपने जिवन मे सन्यास ले सकता हुं :) मेरी मम्मी इसलिये मुझे कभी भी धार्मिक पुस्तके पढना तो दूर छुने भी नही देती !<BR/>चलो जब आपने पूछ लिया है तो अपनी जन्मतिथी बता देते है.<BR/>जन्मतिथी : १९ अक्तुबर १९७६<BR/>समय : ७.३० शाम <BR/>स्थान : दुर्ग (मप्र अब छत्तीसगड)<BR/><BR/>अब आप ही बता दिजिये मेरी शादी के कितने प्रतिशत आसार हैं ? मै तो सुखी रहुंगा ही, लेकिन वह खुशनसीब(?) कन्या मेरे साथ सुखी रह पायेगी ?<BR/><BR/>वैसे एक और बात इसके पहले जो "आशीष जी" ने टिप्प्णी दी है वो <A HREF="http://vigyaan.blogspot.com/" REL="nofollow">ज्ञान-विज्ञान वाले आशीष गर्ग jee </A>है.<BR/><BR/>आशीष<BR/>http://www.ashish.net.in/khalipiliAshish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128701143967730512005-10-07T12:05:00.000-04:002005-10-07T12:05:00.000-04:00मानोशीजी,ये मोनिका कौन है यह तो कोई मोनिकाजी ही बे...मानोशीजी,ये मोनिका कौन है यह तो कोई मोनिकाजी ही बेहतर बता पायेंगी। संभव है आशीष के जन्मविवरण मिलने के बाद जिनका नाम सामने आये वे ही हों। पर यहां गलती से <B>'मानोशी' </B> के बदले <B>'मोनिका' </B>टाइप हो गया कुछ ऐसे ही जैसे <B>'अनूप' </B> की जगह लगातार <B>'अनुप'</B> हो जाता है। आगे के लेखों का लोगों को इन्तजार है यह तोतय हो ही गया। लिखिये फिर सोचना कैसा!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128700656422354222005-10-07T11:57:00.000-04:002005-10-07T11:57:00.000-04:00मानोशी जीमुझे ज्योतिष पर लेख पढकर एक अच्छी बात यह ...मानोशी जी<BR/>मुझे ज्योतिष पर लेख पढकर एक अच्छी बात यह लगी कि एक और अनछुए विषय को किसी ने छुआ। इससे अभी कुछ दिन पहले किसी पाठक द्वारा लगाये गये आक्षेप कि "सब के सब साहित्य पर ही लिखते है" को धोने में मदद मिलेगी। बहुत संबव है कि नारद मुनि एक अलग श्रेणि का सृजन ही कर दें। वैसे आपके लेख पर एक कौतुहूल है, अगर किसी को जन्म का समय ही न पता हो तो क्या उसकि कुँडली का डिब्बागोल माना जाये?Atul Arorahttps://www.blogger.com/profile/00089994381073710523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128700310546812532005-10-07T11:51:00.000-04:002005-10-07T11:51:00.000-04:00अविश्वासी होने के लिए क्षमा चाहता हूँ, पर अन्ध-अवि...अविश्वासी होने के लिए क्षमा चाहता हूँ, पर अन्ध-अविश्वासी नहीं होना चाहता, इस कारण कुछ प्रश्न हैं। हर मनुष्य के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति क्या निश्चित रूप से उस के जीवन में होने वाली घटनाओं को निर्धारित करती है? यदि हाँ तो कैसे? एक ही समय पर पैदा होने वाले व्यक्तियों के जीवन भिन्न क्यों गुज़रते हैं? और कई बार विभिन्न समयों पर पैदा हुए लोगों का अन्त एक सा क्यों होता है? जैसे ९-११ की त्रासदी, या त्सुनामी या कटरीना के मारे क्या मिले जुले ग्रहों के साथ पैदा हुए थे? मेरी धारणा है कि जीवन की घटनाऐँ न तो पूर्वनिर्धारित होती हैं, न पूर्वानुमानित। फिर भी सुनील जी की तरह मैं भी हाथ आगे कर देता हूँ यदि महफिल में हाथ देखने वाला बैठा हो -- यह अलग बात है कि अभी तक कोई ऐसा अनुभव नहीं हुआ जिससे विश्वास जागे।Kaulhttps://www.blogger.com/profile/16384451615858129858noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128699250890190102005-10-07T11:34:00.000-04:002005-10-07T11:34:00.000-04:00मानोशी जी, आप ने तो न न कहते कहते, बहुत बढ़िया लिख ...मानोशी जी, आप ने तो न न कहते कहते, बहुत बढ़िया लिख दिया. मेरी गिनती उन लोगों में है जो एक तरफ तो कहते हैं कि उन्हें ज्योतिष में विश्वास नहीं पर मौका मिलने पर झट अपने बारे में जानकारी दे कर भविष्य जानने की कोशिश करते हैं. तो सावधान रहियेगा. लिखना शुरु में कठिन अवश्य लग सकता है पर थोड़े से अभ्यास से इसमें तेज़ी आ जाती है. आगे भी लिखते रहने के लिए शुभकामनाँए. सुनीलSunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128697210635081032005-10-07T11:00:00.000-04:002005-10-07T11:00:00.000-04:00ईस्वामि आपके प्रश्न का उत्तर इसी लेख के किसी भाग म...ईस्वामि आपके प्रश्न का उत्तर इसी लेख के किसी भाग में दे पाऊंगी। <BR/>आशीष, दरअसल यूरेनस, नेप्ट्यून, प्लूटो आदि ग्रहों का प्रभाव कई ज्योतिषी देखते हैं मगर बहुत से ज्योतिषी नहीं देखते। ठीक ठीक से नहीं पता शायद दूरी की वजह से इनका प्रभाव उतना नहीं देखा जाता होगा। क्या आपकी शादी नहीं हुई? अपने birth details भेजिये ज़रा...;-)<BR/>जी जीतेन्द्र, आगे बढाने का इरादा तो है...<BR/>रवि, यही सारे तर्क मेरे मन में भी आते हैं और मैने बहुत से तर्क/वितर्क पढे हैं मगर ज्योतिष २+२=४ नहीं है। ये तर्क-वितर्क मेरे समझ में नहीं आते मगर व्यक्तिगत तौर पर मैने देखा है, ज्योतिष अगर ठीक तरह से की जाये तो it works. जैसा मैने कहा, ये इस प्राचीन विद्या का दोष नहीं, ज्योतिषी का दोष है, जो जल्दीबाज़ी में कोई निर्णय दे देते हैं। उन साहब की पत्रिका ज़रूर बताती होगी उनका वो खराब समय, शायद इस तरह नहीं कि वो corruption charges की वजह से जेल जायेंगे, मगर हां कारावास हो सकती है उस वक्त ऐसा तो ज़रूर...<BR/>अनुप, शुक्रिया। मगर ये मोनिका कौन है?Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128687789163744292005-10-07T08:23:00.000-04:002005-10-07T08:23:00.000-04:00देखिये हम इसीलिये कह रहे थे। आपकी कवितायें लोगों क...देखिये हम इसीलिये कह रहे थे। आपकी कवितायें लोगों को याद नहीं होंगी लेकिन यह लेख बहुत दिनों तक लोगों याद रहेगा। अब हमारे और दूसरे साथियों के लंबे लेख देखकर लगेगा कितना मेहनत का काम है। इसे आगे भी लिखें। आशीष श्रीवास्तव को तुरंत अपनी जन्मपत्री मोनिका जी को भेज देनी चाहिये ताकि वे बता सकें कि उनके विवाहयोग की क्या हालत है। कब सारे ग्रह अनुकूल बनेंगे?रविरतलामी जी हम तो कभी-कभी खेलते हैं लेकिन आप तो रोज रचनाकार पर लेख टाइप करते रहते हैं। बड़ी मेहनत का काम है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128679050325702152005-10-07T05:57:00.000-04:002005-10-07T05:57:00.000-04:00मैं तो आंख बन्द करके कुंजी पट पर टपर टपर टपर टपर.....मैं तो आंख बन्द करके कुंजी पट पर टपर टपर टपर टपर...<BR/><BR/>और बस, लेख तैयार हो जाता है..<BR/><BR/>हे.. हे.. हे...<BR/><BR/>परंतु सच में तो मुझे भी ये हैरानी होती है कि अनूप फुरसतिया जी इतनी लंबी पारी कैसे खेल लेते हैं...<BR/><BR/>पर, भारत के एक बहुत बड़े तथाकथित ज्योतिष सम्राट नारायणदत्त श्रीमाली - जिनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं - ज्योतिष संबंधी, जब उनके यहाँ सीबीआई का छापा पड़ा और करोड़ों की संपत्ति जब्त हुई तो वे उसकी गणना या उसकी भविष्यवाणी क्यों नहीं कर सके?<BR/><BR/>क्या उनका शनि खराब था जो उनकी मति मारी गई थी और इस वजह से ज्योतिषीय गणना नहीं कर सके?<BR/><BR/>मेरा मतलब यह है कि क्या यह विज्ञान सम्मत है, और अगर है तो कभी माशा कभी तोला क्यों?रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128672658141783462005-10-07T04:10:00.000-04:002005-10-07T04:10:00.000-04:00चलो देर से ही सही, आयी तो...ज्योतिष पर लेख अच्छा ब...चलो देर से ही सही, आयी तो...<BR/>ज्योतिष पर लेख अच्छा बन पड़ा है, लेकिन यदि आपके पास समय हो तो इसे दो या तीन कड़ियों मे विस्तार से लिखे तो बहुत अच्छा लगेगा।<BR/><BR/>जहाँ तक लम्बे लेख लिखने की बात है तो भई जब दिल के गुबार निकलते है तो उन्हे शब्दों मे नही गिना जाता, बस कीबोर्ड पर उतारा जाता है। मै तो लिखने से पहले बस विषय मे रम जाता हूँ,लेख अपने आप बन जाता है। थोड़े दिनो मे आप भी लम्बे लम्बे लेख लिखने लगोगे, तब हम पूछेंगे।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128670504889304902005-10-07T03:35:00.000-04:002005-10-07T03:35:00.000-04:00अभी नये ग्रहों के आविष्कार से फलित ज्योतिष पर क्या...अभी नये ग्रहों के आविष्कार से फलित ज्योतिष पर क्या फरक पड़ेगा?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10405868379585037338noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-1128648115112096062005-10-06T21:21:00.000-04:002005-10-06T21:21:00.000-04:00अरे वाह! ये हुई ना बात. भारतीय विधि से की जाने वाल...अरे वाह! ये हुई ना बात. <BR/><BR/>भारतीय विधि से की जाने वाली गणना से और पाश्चात्य विधी (ex. http://astro.com) से की जाने वाली गणना से जब जन्म पत्रिका बनाई जाती हैं तो ग्रहों की घरों मे स्थितियां फ़र्क क्यों होती हैं? - और कृपया सायन आदी पर भी कुछ बताईये.eSwamihttps://www.blogger.com/profile/04980783743177314217noreply@blogger.com