tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post2330712256741789207..comments2023-09-11T11:20:06.845-04:00Comments on मानसी: मीरा नायर की फ़िल्म 'द नेमसेक'Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी http://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-16394996218179243592007-05-15T06:20:00.000-04:002007-05-15T06:20:00.000-04:00मानसी जीआपके ब्लोग पर ज्योतिष के बारे मे पढ कर मै ...मानसी जी<BR/>आपके ब्लोग पर ज्योतिष के बारे मे पढ कर मै भी कुछ कुछ लिख रहा हू कृपया गौर फरमाये http://vaidikjyotish.blogspot.com/ हालाकि मै आपके जितना इस विषय पर नही जानता पर यदि आप फिर से ज्योतिष पर लिखना आरम्भ करे तो हमारे जैसो को खुशी होगी व हमारा ग्यान बढेगा36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-48256566899286044802007-04-01T13:18:00.000-04:002007-04-01T13:18:00.000-04:00hmmmmmmmmmmकल जा कर फ़िल्म देखी , सच में कहूँ तो कु...hmmmmmmmmmm<BR/>कल जा कर फ़िल्म देखी , सच में कहूँ तो कुछ निराशा से हुई । फ़िल्म अच्छी है लेकिन इतनी नहीं जितनीं तारीफ़ सुनी थी । मीरा नैयर जी की पिछली कुछ फ़िल्में ('मानसून वेडिंग', सलाम बोम्बे और 'मिसिसिपि मसाला' ज़्यादा अच्छी लगी थीं।<BR/>फ़िल्म अधिक अच्छी न लगनें के कारण :<BR/>१. इरफ़ान का अभिनय और और उन का किरदार । फ़िल्म के शुर में ठीक है लेकिन २५ वर्ष अमेरिका में रहनें की बाद भी उन मे आत्मविश्वास की कमी सी लगती है । ऐसे प्रोफ़ेसर कम ही देखनें को मिलते है ।<BR/>२. फ़िल्म में गहराई और एक central theme की कमी . कहानी किस की है , आशिमा की , गोगल की या ?????| कई बात सतही सी लगती हैं ।<BR/><BR/>खैर ये मेरी निजी राय है । इंटरनेट का यही फ़ायदा है ना , पूरी तरह से प्रजातांत्रिक ।<BR/>हां टोरोंटो आयेंगे तो चाय तो मिलेगी ना ?अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-58792540657006264632007-03-22T22:36:00.000-04:002007-03-22T22:36:00.000-04:00अब तुम्हारी बात सुनें या प्रत्यक्षा की ?????अब तुम्हारी बात सुनें या प्रत्यक्षा की ?????अनूप भार्गवhttps://www.blogger.com/profile/02237716951833306789noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-37612429852903502872007-03-19T09:12:00.000-04:002007-03-19T09:12:00.000-04:00कल जाना है इस मूवी को देखने...तब बताया जायेगा कैसी...कल जाना है इस मूवी को देखने...तब बताया जायेगा कैसी लगी. :)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-74872444228899210392007-03-19T04:46:00.000-04:002007-03-19T04:46:00.000-04:00मुझे तो किताब बिलकुल अच्छी नहीं लगी थी । झुम्पा ला...मुझे तो किताब बिलकुल अच्छी नहीं लगी थी । झुम्पा लाहिडी की पहली किताब 'इंटरप्रेटर अफ मलैडीज़" बहुत अच्छी लगी थी , नेमसेक , मज़ा नहीं आया ।Pratyakshahttps://www.blogger.com/profile/10828701891865287201noreply@blogger.com