tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post248896204590337495..comments2023-09-11T11:20:06.845-04:00Comments on मानसी: स्पेस- कहानीManoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी http://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-26553866252907042892009-07-02T01:36:07.405-04:002009-07-02T01:36:07.405-04:00जिंदगी की सच्चाई को बेहद खूबसूरत ताने बाने में बाँ...जिंदगी की सच्चाई को बेहद खूबसूरत ताने बाने में बाँधा है आपने. एक सांस में पढ़ गयी पूरी कहानी. अद्भुत लेखन है आपका...मंत्रमुग्ध कर देता है.Puja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-31506931480160916572009-04-20T16:10:00.000-04:002009-04-20T16:10:00.000-04:00इसी तरह लिखिये और यूँ ही सुँदर ताने बानोँ से खेलती...इसी तरह लिखिये और यूँ ही सुँदर ताने बानोँ से खेलती रहो मानसी .......लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-2105438678484355872009-04-17T14:40:00.000-04:002009-04-17T14:40:00.000-04:00अच्छी कहानी...अद्भुत लेखन-शैलीअच्छी कहानी...अद्भुत लेखन-शैलीगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-7891381298430576142009-04-17T13:42:00.000-04:002009-04-17T13:42:00.000-04:00किसी कहानी की विशेषता उसका कथ्य और शिल्प होती है ...किसी कहानी की विशेषता उसका कथ्य और शिल्प होती है .और आपकी इस कहानी में दोनों ही खूबियाँ हैं .शीर्षक पढ़ कर पहले तो मुझे लगा कि<br />कहानी कोई साइंस से रिलेटेड टापिक पर है .लेकिन कहानी जैसे जैसे आगे बढ़ी उसका पूरा कैनवास सामने आता चला गया.नायिका के साथ ही मनोज और अमित तीनों ही चरित्रों को बखूबी उभारा है आपने इस छोटी सी कहानी में .अच्छी काम्पैक्ट कहानी .बधाई .<br />हेमंतडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-8079194758431168622009-04-17T07:08:00.000-04:002009-04-17T07:08:00.000-04:00"स्पेस हनी, स्पेस। ऐंड लर्न टु लेट गो... दैट इज़ द..."स्पेस हनी, स्पेस। ऐंड लर्न टु लेट गो... दैट इज़ द मंत्रा"<br /><br />बहुत ही खूबसूरती से निभाई है यह कहानी आपने..............पूरी की पूरी एक साँस में पढ़ी गयी..........चुस्त है कहानी........रोचक......भावः पूर्ण..........अंत तक उत्सुकता बनी रहती हैदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-11470354.post-64581473899633551472009-04-17T04:22:00.000-04:002009-04-17T04:22:00.000-04:00बहुत कुछ सोचने को विवश करती हुई एक बेहद संवेदनशील ...बहुत कुछ सोचने को विवश करती हुई एक बेहद संवेदनशील कहानी।Shikha Deepakhttps://www.blogger.com/profile/14771628630149514529noreply@blogger.com