सज उठे रास्ते
फ़ूलों की छत
खिल उठे डैफ़ोडिल
पीत धरा
बहारों फूल बरसाओ
स्वागत ऐ बसंत
फोटुयें बड़ी खूबसूरत हैं।
और भी कोई आ रहा है? (बहारों फ़ूल बरसाओ)बसन्त तो आ चुका है।
रचनाकार की रंगदृष्टि साबित करती है कि वह चित्रों में कविता की लय को तलाश सकती है । हर चित्र एक छंद को गढ़ते हुए जान पड़ते हैं । बधाई कलात्मक चयन के लिए --जयप्रकाश मानस
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4 comments:
फोटुयें बड़ी खूबसूरत हैं।
फोटुयें बड़ी खूबसूरत हैं।
और भी कोई आ रहा है? (बहारों फ़ूल बरसाओ)बसन्त तो आ चुका है।
रचनाकार की रंगदृष्टि साबित करती है कि वह चित्रों में कविता की लय को तलाश सकती है । हर चित्र एक छंद को गढ़ते हुए जान पड़ते हैं । बधाई कलात्मक चयन के लिए --जयप्रकाश मानस
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