बच्चों को सुबह फ़ील्ड ट्रिप पर ले कर जाना था। वैसे तो बर्फ़ में बाहर निकलना कोई अच्छा नहीं लगता पर आज बेहद ही खूबसूरत दिन था। सूरज निकला हुआ था और हवा भी नहीं थी। सबसे अच्छे लग रहे थे चहकते हुये बच्चे। हम एक पार्क में गये जहाँ सिर्फ़ बर्फ़, बर्फ़ और बर्फ़ थी और बच्चों ने नाना तरह की गतिविधियों में भाग लिया। उनमें से एक था, बर्फ़ के घर बनाना (इगलू नहीं, क्विन्ज़ी कहते हैं उन्हें)। ये बर्फ़ के घर कुछ ऐसे ही बनते हैं जैसे हम बचपन में रेत की गुफ़ायें बनाया करते थे। पहले ज़मीन पर पडे बर्फ़ को साफ़ कर के उस पर फिर बर्फ़ डाल दिया जाता है। हमें बताया गया कि इस तरह ज़मीन की गरमाहट से नर्म झुरझुरी बर्फ़ सख्त हो जाती है और क्विन्ज़ी बनाना आसान होता है। फिर उसके दक्षिण दिशा में बर्फ़ को खोद कर अंदर जाने के लिये जगह बनाई जाती है। कहते हैं कि दक्षिण दिशा में दरवाज़ा हो तो घर को सूरज की गर्माहट मिलती है। इस बर्फ़ की गुफ़ा के अंदर का तापमान बाहर के तापमान से ५० डिग्री फ़रहन्हाइट ज़्यादा होता है। अक्सर, बर्फ़ीले तूफ़ानों में फँसे लोग ऐसी गुफ़ायें बना कर अपनी जान बचाते हैं। लीजिये इस फ़ील्ड ट्रिप से कुछ तस्वीरें-
1 comment:
अजी मैं तो आपका कल का लिखा पढ़कर और आज की यह तस्वीरें देखकर ही ठंड से कांप रहा हूं पता नही बच्चों ने कैसे मस्ती की होगी इस बर्फीले मौसम में।
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