Saturday, January 03, 2009
संध्या मुखर्जी और उनके गीत
संध्या मुखर्जी, बंगाली फ़िल्मी संगीत में एक जाना माना नाम। उनकी सधी, मधुर आवाज़, उन दिनों जब कि कोई भी डिजिटल या कम्प्यूटर पर गाने रिकार्ड नहीं होते थे, बस असाधारण आवाज़।
उन्होंने अपनी संगीत की विधिवत शिक्षा पं संतोष कु. बासु, ए. कानन, चिन्मय लाहिड़ी से ली। उ. बड़े गु़लाम अली खां और उनके सुपुत्र मुनव्वर खां भी उनके गुरु रहे। उन्होंने हेमंत मुखर्जी के साथ बहुत सारे गाने गाये। उनकी आवाज़ सुचित्रा सेन पर बहुत ज़्यादा फ़िल्माई गई। हिन्दी फ़िल्मों में उनके द्वारा गाया हुआ ममता का गीत तोसे नैना लागे रे सांवरिया प्रसिद्ध हुआ।
आज सुनते हैं पहले एक हिन्दी गीत उनके द्वारा गाया ’आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें’, फिर दो बंग्ला गीत संध्या मुखर्जी की ही आवाज़ में। बस मन मोह लेती है उनकी आवाज़।
(साभार- यू ट्यूब)
आ गुपचुप गुपचुप प्यार करें
फ़िल्म-सज़ा
आमी जे जलशा घरे
फ़िल्म- ऐन्टनी फ़िरंगी
फ़िल्माया गया- तनुजा पर
गाने मोर
फ़िल्म: अग्नि परीक्षा
फ़िल्माया गया- उत्तम कुमार और सुचित्रा सेन पर
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7 comments:
बहुत ख़ूब, नए साल की मुबारक़बाद!
Manoshi ji,
Maine aj apke blog par sundar sa geet bhee suna aur apke pichhale post kee gajal bhee padhee.Geet evam gajal donon hee achchhe lage.
Apko sundar geet sunvane evam achchhee gajal ke liye hardik badhai evam shubh kamnayen.
Poonam
शुक्रिया...किंतु तीसरा वाला जाने क्यों लोड नहीं हो रहा
bahut sunder nayesal ki shubhkamna
बहुत ही खूबसूरत है ये आपका ब्लाग आज अचानक आना हो पाया मजेदार रहा अब तो आना जाना लगा ही रहेगा
हिन्दी गीत तो पहले भी सूना था मगर बँगला गाने पहली बार सुने, बहुत अच्छे!
manoshi ji ,
itni achai post ke liye bahut si badhai ..
pichle dino main antony firangi film dekha tha .. i was speechless for his acting aur tanuja ka ye geet dekhkar dil bhar gaya tha..
naye warch ki shubkaamnayen ..
maine kuch nai nazme likhi hai ,dekhiyenga jarur.
vijay
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