आज दो रवीन्द्र संगीत पेश हैं- बहुत मधुर। इच्छा तो यही थी कि इनका हिन्दी में रूपांतरण करके लिखूँ, मगर ट्रांसलेट करते हुये लगा कि मैं इनके साथ न्याय नहीं कर पाऊँगी। अत: इन्हें ऐसे ही सुनें-
पहला मेरा सबसे प्रिय गीत-
मैंने तुम्हारे संग बाँधे हैं अपने प्राण सुरों के बंधन में
तुम जानो ना, मैंने पाया है तुम्हें कितने साधनों से
आमि तोमारो शौंगे बेंधेछि आमारो प्राण शूरेरो बाँधोने
तूमि जानोना आमि तोमारे पेयेछि अजाना शाधोने
पहला मेरा सबसे प्रिय गीत-
मैंने तुम्हारे संग बाँधे हैं अपने प्राण सुरों के बंधन में
तुम जानो ना, मैंने पाया है तुम्हें कितने साधनों से
आमि तोमारो शौंगे बेंधेछि आमारो प्राण शूरेरो बाँधोने
तूमि जानोना आमि तोमारे पेयेछि अजाना शाधोने
उस दिन दोनों झूमे थे बन में, फूलों के डोर में बंधे झूलना
शे दिन दू जोने दूले छिनु बोने फूलो डोरे बाँधा झूलोना
2 comments:
this songs are really differents
Khoob sundur ( Excellent ) ati sundar.
Gopal Baghel 'Madhu'
Author of "Ananda Anubhuti"
Spiritual Management Poet
Toronto,On.,Canada
www.YouTube.com/GopalBaghel
www.AnandaAnubhuti.com
www.PerceptionOfBliss.com
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