किसी भी पैराग्राफ़ को लिखते समय हम उसकी तुलना एक सैंडविच से करेंगे। एक बड़ा सा स्वादिष्ट juicy सैंडविच। यानि कि दो ब्रेड (रोटी) के टुकड़ों के बीच , चटनी, टमाटर के टुकड़े, लेटस पत्ते, चीज़, चिकन आदि से भरा हुआ सैंडविच। कोई भी पैराग्राफ तीन भागों का होता है।
शीर्षक पंक्ति (topic sentence),
सहायक विस्तृत जानकारी (supporting details),
समाप्ति पंक्ति (concluding sentence).
तो सबसे पहले जो ब्रेड का टुकड़ा है उसे हम मानेंगे- शीर्षक पंक्ति। यानि कि जिस विषय के बारे में हम लिखना चाहते हैं, उस के बारे में इस पंक्ति के द्वारा हम उस शीर्षक की जानकारी देंगे।
उदाहरणार्थ- अगर हमारा विषय है- मेरा देश। तो ये पंक्ति कुछ ऐसी हो सकती है- मेरा देश भारत मुझे बहुत प्यारा है। अर्थात इस पंक्ति से ये पता चल गया कि इस पैराग्राफ़ में मैं अपने देश भारत खूबियाँ बताने वाली हूँ।
अब आती है supporting details या सहायक विस्तृत जानकारी पंक्तियों की बारी। तो हम इसे बीच में भरे जाने वाली चीज़ों के रूप में देखेंगे। उम्म्म...मुझे टमाटर पसंद है, तो मैं अपने सैंडविच में टमाटर डालूँगी, यानि पैराग्राफ़ को थोड़ा जूसी बनाऊँगी।
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उदाहरणार्थ- शायद मेरा पहला detail हो- मेरे देश में लोग मिलजुल कर रहते हैं और सब एक दूसरे से प्यार करते हैं। फिर मुझे cheese भी पसंद है तो मैं इसमें cheese यानि कि कुछ और details डालूँगी। इस तरह मैं जितना सुंदर पैराग्राफ़ चाहूँ बना सकती हूँ।
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फिर आख़िर में आती है concluding sentence या समाप्ति पंक्ति। ये भी तो ब्रेड का ही टुकड़ा है, यानि कि काफ़ी कुछ topic sentence जैसा दिखने में। तो इस पंक्ति को मैं कुछ कुछ अपने शीर्षक पंक्ति जैसा ही रखूँगी। शायद कुछ ऐसा- मेरे देश भारत जैसा प्यारा और कोई देश नहीं।
इस तरह लिखते हैं हम पैराग्राफ़। बच्चे को एक कागज़ पर एक सैंडविच का माडेल बना कर दे दें (या इस लिंक से चित्र प्रिंट कर लें) और उसे उस ही पर लिखने बोलें। (इसे graphic organizer कहते हैं)। बाद में बच्चा इन सब पंक्तियों को अपनी पुस्तिका में एक साथ लिख सकता है, जो कि अब एक पैराग्राफ़ की शक्ल ले चुका है।
कक्षा में पढ़ाने के लिये हम इस सैंडविच माडेल का नाना तरह से प्रयोग करते हैं। बच्चों को ग्रूप मॆं विभाजित करके, उनको जोड़ी में पैरग्राफ सजाने आदि का काम देकर आदि। ये एक बहुत ही कारगर उपाय है, जो कि हम बच्चे को पैराग्राफ़ लिखना सिखाने में कर सकते हैं।
6 comments:
aapne gazab udaaharan diye hain.....sach kahun to is tarah se kucchh seekhnaa hamen bhi rochak lag rahaa hai....bacchhe to kittaa khush ho jaayenge....hai naa.....!!
बहुत खूब.
ये तो निबंध लिखने का बड़ा ही स्वादिष्ट तरीका बताया आपने.
निबंध लिखना और बच्चों को पढाने का रोचक तरीका.......
मानोशी जी ,
बहुत अच्छी तरह आपने पैराग्राफ की संरचना के बारे में समझाया है .यदि पढाने का यही ढंग भारत में भी शिक्षकों को आने लगे तो हमारे प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को आगे की शिक्षा में काफी सहायता मिल सकती है .
हेमंत
आप जो ऐसे पढ़ाती होगी तो बच्चों के मुंह में तो पानी आ जाता होगा
आप वाले स्कूल में ही डालना है मुझे तो तनया को....
dear aunti,
apne english language ke basic per bahut hi important topic ko bahut interesting or simple tareeke se samjhaya hai......aise hi agr india ke schools me bhi padhaya jane lage to shayad hi log is subject se door bhagenge....
and thanku for encouraging me with ur lovely comment...i ll surely look forward to more such comments and suggetsions on my coming articles....
neha shefali
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