रस्तोगी जी का ब्लाग पढ रही थी। एक चुटकुला मुझे भी याद आ गया। सोचा, "दूर के ढोल >>>मानसी" के अलावा भी कुछ आ जायेगा नारद में आखिरकार । तो चुटकुला कुछ यूं है...
संता सिंह जी पंजाब में एक बच्चों के एक स्कूल में टीचर हैं। थोडे दिन पहले की बात है। स्कूल में इन्स्पेक्शन था। इन्स्पेक्टर संता सिंह जी की कक्षा के सामने से गुज़रे। संता सिंह जी बच्चों को अंग्रेज़ी पढा रहे थे--"बच्चों, बोलो गधा" और बच्चे दोहरा रहे थे "गधाआआआ", संता सिंह जी ने कहा,"गधे के पीछे गधा" और बच्चे बोले, "गधे के पीछे गधाआआआ", "उसके पीछे मैं" ..."उसके पीछे मैं~~~", "मेरे पीछे सारा देश"..."मेरे पीछे सारा देश"। ये सिलसिला चलता रहा थोडी देर तक और इन्स्पेक्टर से रहा न गया। उन्होने जा कर शिकायत कर दी स्कूल के प्रधानाचार्य से, "आपके विद्यालय में ये कैसे शिक्षक हैं, अंग्रेज़ी की कक्षा में ये क्या पढा रहे हैं, हमें सफ़ाई चाहिये वरना संता सिंह जी को बरखास्त कर दिया जायेगा।"
तो संता सिंह जी को बुलाया गया और सफ़ाई मींगी गयी कि वो क्या पढा रहे थे। संता सिंह जी ने बडी ही सादगी से जवाब दिया "मैं बच्चों को assassination की spelling सिखा रहा था।" (ass ass I nation)
1 comment:
वाह! बहुत खुब, मजा आ गया सुबह की शुरुवात आज आपके चुटकले से हो गइ। सुबह और शाम को हसने से पूरा दिन अच्छा जाता है।
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