प्रत्यक्षा, मुझे क्यों फ़ंसा दिया। सच कहूं तो मुझे तो अब याद भी नहीं कि आदर्श प्रेमी/पति के क्या गुण सोच रखे थे। अब तो याद करने पर भी याद नहीं आते। शादी के इतने सालों बाद अब तो यही सर्वगुण सम्पन्न सुशील पति लगते हैं। कुछ लिखने को है ही नहीं, सीरियसली। एक दो आदर्श पति के एक्स्पेक्टेड गुण बता सकती हूं ( इनका पूरा होना ज़रा मुश्किल हो सकता है)-
१) आदर्श पति को पत्नी के साथ टी.वी. देखते समय टी.वी का रिमोट कंट्रोल पत्नी को सुपुर्द कर देना चाहिये। वरना पत्नी को सिर्फ़ चैनेल बदलते देखते रह जाना पडता है।
२) आदर्श पति को पत्नी की हर बात बहुत ध्यान से सुननी चाहियें, यानि कि अख़बार पढ़ते हुये नहीं। और पूछने पर, "हां, सुन रहा हूं" नहीं कहना चाहिये, यानि कि मन लगा कर पत्नी की बात सुनें।
३) पत्नी के साथ ग्रोशरी शापिंग बहुत इन्टरेस्ट के साथ करनी चाहिये। उस दुकान के बाहर मैच्बाक्स-कार या घडी़ की दुकान में इन्तज़ार करते हुये नहीं।
अब ज़रा संजीदगी से बात करें तो सबसे बडी़ बात है दोस्ती की। पति-पत्नी बहुत अच्छे दोस्त होते हैं। शादी जितनी पुरानी हो, दोस्ती उतनी ही गहरी होती जाती है, होती जानी चाहिये। इसके लिये कोशिश नहीं करनी पड़ती है, न ही आदर्श पति या पत्नी होने की ज़बरदस्ती ज़रूरत होती है।
और तो कुछ सूझ नहीं रहा। बस यहीं तक।
मैं किसे टैग करूं, सभी तो टैग हो चुके हैं। हां, सारिका के विचार जानने की इच्छा रहेगी।
10 comments:
अगर भगवान कहीं है तो तीनों जरूरतें पूरी करे ताकि नयी लिस्ट बन सके।
तुम्हारी 'विश लिस्ट' में कुछ सुधार कर रहा हूँ :
1) आदर्श पति को सिर्फ़ टी.वी. ही नहीं बल्कि अपनी 'ज़िन्दगी' का रिमोट कंट्रोल पत्नी को सुपुर्द कर देना चाहिये। ज़िन्दगी में कौन सी चैनल महत्वपूर्ण है और देखनी चाहिये इस का निर्णय पत्नी ही कर सकती है ।
२) आदर्श पति को पत्नी की हर बात बहुत ध्यान से सुननी चाहियें, (चाहे अमल करे न करे )।
३) पत्नी के साथ ग्रोशरी शापिंग बहुत 'इन्टरेस्ट' के साथ करनी चाहिये और वह 'इन्टरेस्ट' सिर्फ़ 'ग्रोसरी' तक ही सीमित रहना चाहिये ।
हा हा , अनूप जी आपके संशोधित विशलिस्ट को पढ कर मज़ा आया. लेकिन आप बच नहीं सकते. अपनी विषलिस्ट भी लिखनी पडेगी.
और अनूप शुक्ला जी आप का नया लेख कहाँ है ?
मानसी तुमसे और लंबे लेख की उम्मीद थी :-)
बात हो रही थी आदर्श निपुण अद्वितीय प्रेमी की, न कि पति की, आपने तो विषय को पूरी तरह से बदल दिया, यह ठीक नहीं है जी!! :)
अपनी विषलिस्ट भी लिखनी पडेगी
प्रत्यक्षा जी, आप "विश लिस्ट" की बात कर रही हैं या "विष लिस्ट" की? दोनों में बहुत अंतर है!! ;) :P
Mansi lagta hai aap ke dil se awaj aayi hai, kahin apna experience to nahi likh diya.
Aapne adarsh pati ke gun likh diye. jabki aadarsh pati aur premi ke gun kabhi mil nahi sakte usme dharti assman ka anatar hona swabhavik hai.
ooops
वैसे अनूप जो चाहे लिखलें विश या विष :-)
अनूप जी, आप बनाइये अपनी लिस्ट अब, हम भी तो पढें।
अनूप दा, :D
अमित और प्रत्यक्षा, क्या करूं, शादी से पहले जो घने बादल कविता लिखने पर मजबूर करते थे, अब कपडे सूखेंगे कि नहीं ( भारत में) ये चिन्ता हो जाती है। तो इस स्थिति में और ज़्यादा लिखा कैसे जाये। हां, शायद उल्लंघन हुआ है नियम का..:-)
तरुण, ह्म्म्म, शादी करो फिर पूछती हूं तुम्हारी पत्नी से, वो भी यही कहेगी देगी, यकीन जानो।
@प्रत्यक्षा:
वैसे अनूप जो चाहे लिखलें विश या विष :-)
पहले की आशा है, दूसरे की नहीं!! :D
@मानसी:
अमित और प्रत्यक्षा, क्या करूं, शादी से पहले जो घने बादल कविता लिखने पर मजबूर करते थे, अब कपडे सूखेंगे कि नहीं ( भारत में) ये चिन्ता हो जाती है।
सही कह रहीं हैं आप!! ;) :D ऐसा मैंने भी सुना है कि शादी से पहले जितनी मौज करनी है कर लो, उसके बाद तो नून-तेल-लकड़ी के चक्कर में ही फ़ंस जाते हैं, चाहे लड़का हो या लड़की!! ;)
आदर्श पति के गुण तो काका हाथरसी बहुत पहले बता चुके हैः
पत्नी को परमेश्वर मानो
अपना भला इसी में जानो
जो पति यह थोड़ी सी बात समझ जाता है वह कभी दुःख नहीं पाता है और न पत्नी कभी दुःखी होती है।
मानोषी,प्रत्यक्षा,अमित:
हिदी में वर्तनी ज़रा शुरू से कमजोर रही है, विश लिस्ट या विष लिस्ट, अभी भी ठीक से नहीं मालूम ।
वैसे भी अर्ज़ किया है :
यूँ तो मरनें के लिये लाख बहानें हैं ,
जीनें के लिये तुम एक वज़ह काफ़ी हो
प्रत्यक्षा ! सोचा था , मानोशी के लेख पर बँदूक रख कर चला लें तो सस्ते मं जिम्मेवारी से मुक्त हो जायेंगे, लेकिन दबाव कुछ ज्यादा ही है ।
ये लेख कैसे लिखते हैं जी ????
अनूप
Post a Comment