Saturday, September 27, 2008

हमने काटी हैं तेरी यादों में रातें अक्सर

हरिहरन की ये गाई ग़ज़ल मेरी पसंदीदाओं में से एक है। इसके शायर कौन हैं याद नहीं, जिसके पास हरिहरन साहब की ये अल्बम हो वो बता सके तो बहुत अच्छा हो। हरिहरन से अच्छा इस गाने के साथ और कौन न्याय कर सकता था, पता नहीं।

Get this widget | Track details | eSnips Social DNA


हमने काटी हैं तेरी याद में रातें अक्सर
दिल से गुज़री हैं सितारों की बरातें अक्सर

और तो कौन है जो मुझको तसल्ली देता
हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी बातें अक्सर

हमसे इक बार भी जीता है न जीतेगा कोई
वो तो हम जान के खा लेते हैं माते अक्सर

उनसे पूछो कभी चेहरे भी पढ़ें हैं तुमने
जो किताबों की किया करते हैं बातें अक्सर

No comments: