मानोशी जी , गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के गीत का अनुवाद सहित पढ़वाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .यह साहित्य तो हमेशा हमेशा के लिए लिखा गया है .इसकी सार्थकता तो हमेशा रहेगी . हेमंत
तुम्हारे ब्लाग पर आने के लिए देर हो गई। गुरुदेव रवीन्द्रना टैगोर जी का गीत बहुत ही सुंदर है। और हिन्दी का अनुवाद भी बहुत अच्छा लगा। विडियो पर गीत सुनने में तो सोने पर सुहागे वाली बात हो गई। बधाई। महावीर शर्मा
रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के गीत का अनुवाद सहित प्रस्तुत करने के आभार व्यक्त करता हूँ ! अगर सिर्फ बंग्ला में-में ही पढता तो शायद सिक्सटी परसेंटेज ही समझ पाता !
9 comments:
सुन्दरतम प्रस्तुति, मुझे ये वीडियो और गीत बहुत ही प्यारा लगा
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर का गीत बहुत प्यारा बढ़िया लगा. प्रस्तुति के लिए आभार
मानोशी जी ,
गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के गीत का अनुवाद सहित पढ़वाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .यह साहित्य तो हमेशा हमेशा के लिए लिखा गया है .इसकी सार्थकता तो हमेशा रहेगी .
हेमंत
आज रवीन्द्र जयंति पर गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के गीत का सुंदर प्रस्तुतिकरण अच्छा रहा।
सुन्दर प्रस्तुति.............
रविन्द्र जी के गीत...........प्रकृति की मंनोहक छठा को निहारते हुवे लगते हैं .........
रविन्द्र कम ही पढ़ा....सिर्फ गीतांजली ...
"सखी भावना काहरे बौले" के लिये शुक्रिया मानोशी
तुम्हारे ब्लाग पर आने के लिए देर हो गई। गुरुदेव रवीन्द्रना टैगोर जी का गीत
बहुत ही सुंदर है। और हिन्दी का अनुवाद भी बहुत अच्छा लगा। विडियो पर
गीत सुनने में तो सोने पर सुहागे वाली बात हो गई। बधाई।
महावीर शर्मा
रवीन्द्रनाथ टैगोर जी के गीत का अनुवाद सहित प्रस्तुत करने के आभार व्यक्त करता हूँ ! अगर सिर्फ बंग्ला में-में ही पढता तो शायद सिक्सटी परसेंटेज ही समझ पाता !
शुभकामनाएं
में इस गीत को khoj रही थी, thanx
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