Monday, October 31, 2011

आज हैलोवीन का त्यौहार था।  भूतप्रेतों को याद करते इस त्यौहार के दिन स्कूल में बच्चे तरह-तरह के कपड़े पहन कर आये थे।  छोटे-छोटे प्यार- प्यारे कूदते-फ़ाँदते बच्चे।  कोई कद्दू बना था तो कोई छोटा सा भूत।  कोई माइकल जैकसन तो कोई तितली या परी। और मैं  उनकी टीचर ,चुड़ैल।  सर पर चुड़ैल की टोपी पहन बच्चों का सुबह स्वागत करते हुये बच्चों की खिलखिल और उत्साह में मेरे अंदर भी एक लंबा दिन काटने का उत्साह भर जाता है रोज़।  छोटे-छोटे बैग में कुछ खिलौने और कैंडी भर कर कक्षा के कोने कोने में छुपा रखे थे मैंने। हर बैग में बच्चों का नाम लिख दिया था। फिर बच्चों को उन बैग को ढूँढना था और उनका नाम मिला बैग उन्हें दिख जाये तो वह बैग उनका।  ऐसे ही खेल-खेल में हुई पढाई आज।  

छोटे बच्चों को पढ़ाते हुये उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला।  प्रामिस इज़ अ प्रामिस।  कभी भी कोई वादा कर के न निभाऊँ तो बच्चे कैसे सीखंगे कि जो वादा किसी से किया कभी तो उसे निभाना है। चाहे एक किताब पढ़ने की बात हो या कोई पुरस्कार देने की, अगर वादा है तो उसे पूरा होना है।  बच्चे भी तो जानते हैं कि हमारी टीचर ने कहा है तो ज़रूर होगा वह काम।  चाहे वह खेल हो या पढ़ाई।  

बच्चों की काबिलियत पर अचरज होता है मुझे।  कितने ही काम हैं जो सोचती हूँ शायद बच्चे नहीं कर पायेंगे, पर  बाद में हैरानी होती उनके काम को देख कर।  आर्ट या कला बहुत पसंद करते हैं बच्चे।  उनको अगर बता दिया जाये कि किस तरह से उनका काम सबसे अच्छा हो सकता है तो वह भी कोशिश करते हैं। हमेशा ही एक उदाहरण दिखाना ज़रूरी होता है। एक बुरा उदाहरण और एक अच्छा उदाहरण। जैसे कि किसी प्रश्न का बुरे उदाहरण का जवाब कैसा होगा और अच्छे उदाहरण का जवाब कैसा होगा।  किसी अच्छे जवाब के लिये या अच्छे काम के लिये बच्चे को क्या करना होगा कि वह काम जो बच्चे ने किया वह अच्छा काम कहलाये।  

एक वर्कशाप में एक इन्स्ट्रक्टर ने कहा- "ताली बजाइये, मैं आपको पास या फ़ेल बताऊँगी" मैंने तीन बार ताली बजाई। तो इन्स्ट्रक्टर ने कहा." आप फ़ेल हुई"। मुझे समझ नहीं आया। तब इन्स्ट्रक्टर ने कहा, " अच्छा अब मैं आपको बताती हूँ कि मैं आपके ताली बजाने को कैसे जाँच रही हूँ। मुझे ताली एक rhythm  में चाहिये, १२१२३, १२१२३, १२१२३...इस तरह या कोई और ‘पैटर्न’ । इसके अलावा उस पैटर्न को ३ बार दोहराने पर ही आपको नंबर मिलेंगे। तो अब बजाइये " ।  ऐसे ताली बजाने पर मुझे पास कर दिया गया।  इन्स्ट्रक्टर ने बताया, बच्चे में क्षमता होती है मगर ज़रूरी है कि बच्चा जाने कि उसे करना क्या है, कैसे जवाब लिखेगा तो उसे अच्छे नंबर मिलेंगे।  

मेरे बच्चों के काम के कुछ सैम्पल के फोटो निकाले थे।  बच्चों का काम प्रदर्शित करना भी कितना ज़रूरी है। बच्चों का इस तरह का प्रोत्साहन उन्हें मदद करता है और अच्छा कर दिखाने का।  








8 comments:

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर प्रेरणादायक रचना| धन्यवाद|

प्रवीण पाण्डेय said...

ऐसे ताली बजाना तो बड़ा कठिन है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
छठपूजा की शुभकामनाएँ!

abcd said...

Who is Eric Carle ? and why does he use blue color more often?..:-)

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

धन्यवाद सभी को जिन्होंने इस पोस्ट को पसंद किया। @abcd - google Eric Carle

monali said...

Ur students r lucky to hav such lovely teacher,.. nice post :)

SANDEEP PANWAR said...

अच्छे शब्द

Pawan Kumar said...

बहुत सुन्दर और प्रभावी रचना