Sunday, December 25, 2011

नया वर्ष २०१२- शुभकामनायें



"मिसेज़ सी, आई हैव गॉट अ प्रेसेन्ट फ़र यू फ़ॉर क्रिसमस"
"इट वॉसंट नेसेसरी, हन"
"बट आई ऑल्रेडी गॉट इट (रुँआसे स्वर में)"
"रीअली? आई ऍम सो वेरी एक्साइटेड, आई कांट वेट टु ओपेन इट, कॅन आई गेस व्हॉट इट इज़?"

और एक मुस्कान खिल गई उस बच्चे के चेहरे पर।  क्रिसमस की छुट्टियों को अभी ५ दिन और थे मगर सोमवार से ही बच्चों से क्रिसमस के प्रेसेंट मिलने लगे थे।  सब उत्साहित थे। शुरुआत में मैंने कह दिया कि यह ज़रूरी नहीं, तुम सब मुझे अच्छा काम कर के दिखाते हो वही मेरे लिये प्रेज़ेंट है, मगर जब देखा कि बच्चे दुखी हो जाते हैं मेरे इस भारी भरकम वाक्य से तो फिर मैंने अपने शब्द बदल दिये। अब हर बार कोई बच्चा मुझे बताता कि वह मेरे लिये क्रिसमस का तोहफ़ा खरीद रहा है या वह उसे आज गिफ़्ट रैप करेगा, तो मैं भी उसे बड़े ही उत्साहित हो कर कहती कि वाह! मैं कितनी खुश हूँ कि मुझे इतने तोहफ़े मिल रहे हैं।  और बच्चे कितने खुश हो जाते।

 कभी सोचती हूँ कि हम बड़े भी तो बच्चे ही होते हैं। हमारे दिये हुए किसी चीज़ को कोई खुश हो कर न ले तो हमें भी कितना दुख होता है।  ’ना-ना’ करने के बजाय तारीफ़ कर के तोहफ़ा लेना क्या बेहतर नहीं?

दिवाली, ईद, क्रिसमस, क्वान्ज़ा और हनुका ये सारे त्यौहार एक दो महीने के अंदर ही पड़ते हैं।  इस साल इन महीनों में मैंने भी बच्चों के साथ बहुत कुछ सीखा। हर त्यौहार के ऊपर हम सबने मिल कर विडियो देखे, किताबें पढ़ीं, और किसी ऐसे व्यक्ति को कक्षा में उस त्यौहार विशेष के बारे में कहने को आमंत्रित किया जो उस त्यौहार को मनाता है।  दिवाली के बारे में मैंने ही बच्चों को बताया, ईद के लिये एक अभिभावक ने आकर बच्चों को समझाया और क्रिसमस के लिये एक क्रिसचन टीचर ने बताया।  हनुका (यह jews  का त्यौहार है और ८ दिन तक मनाया जाता है) के लिये कोई मिला नहीं मगर हम सबने मिल कर किताबें पढ़ीं और एक आर्ट प्रोजेक्ट किया (हनुका रीथ बनाया)।  क्वान्ज़ा अफ़्रीकन अमेरीकन लोग २६ तारीख़ से ले कर ७ दिन तक मनाते हैं। इस त्यौहार के बारे में भी मैंने बच्चों को किताब पढ़ कर सुनाई और उनके रिवाज़ों को जाना। यह सब करने के बाद हमने इन त्यौहारों के बीच की समानतायें और पार्थक्य पर गवेषणा की।  ७-८ साल के बच्चे अब इन त्यौहारों के बारे में विस्तार से जानते हैं और इन के बीच की समानतायें व भिन्नतायें बता सकते हैं।  और समानता यह कि सभी त्यौहारों में किसी भगवान के दूत या अवतार का महत्व है। हर त्यौहार में रोशनी का महत्व है और घर सजाये जाते हैं, दीया या मोमबत्ती जलाई जाती है और सबसे ज़रूरी, अच्छाई की बुराई पर विजय का जश्न मनाया जाता है।

कल ही से क्रिसमस की छुट्टियाँ शुरु हुई हैं। बच्चों की "मेरी क्रिसमस " और " हैपी न्यू ईअर" के बीच दिन खत्म हुआ कल। बच्चों के इन आर्ट प्रोजेक्ट व और कुछ कामों को लगाया  है स्कूल की दीवारों पर। हनुका रीथ कैसे बनाया जाये, इन्टरनेट से ही मिल गया। इंटरनेट तो वरदान है मेरे लिये। इनकी तस्वीरें नहीं ले पाई, पर छुट्टी के बाद  इस पोस्ट को अपडेट करूँगी, तस्वीरों के साथ।

सभी को क्रिसमस व नये वर्ष २०१२ की शुभकामनायें।







1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

Wish you a very happy 2012 ...