Friday, May 10, 2013

मानोशी का काव्यसंग्रह - " उन्मेष "- जल्द ही भारत व कनाडा में उपलब्ध होगा। यह संग्रह आनलाइन फ़्लिपकार्ट व अमेज़ॉन पर भी उपलब्ध होगा। अपनी प्रति अभी से सुरक्षित करवाने हेतु manoshi.unmesh@gmail.com पर सम्पर्क करें।

3 comments:

Ashish Shrivastava said...

बधाई जी!

पूनम श्रीवास्तव said...

Hardik Badhaiyan Manoshi ji...kahan kis prakashak se yah mil sakega....kripaya bataiyega..
Poonam

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

बहुत बहुत बधाई...

@मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ