मानोशी जी,आपको ढेरोन बधाइयां और शुभकामनाएं। आपकी कविता आपके ही स्वर में सुनने का अनुभव अद्भुत रहा। पुनः बधाई। हेमन्त
पतझड़ की पगलाई धूप---आपके ही स्वरों में आज सुना। बहुत बढ़िया।
मानोशी जी,आपको ढेरोन बधाइयां और शुभकामनाएं। आपकी कविता आपके ही स्वर में सुनने का अनुभव अद्भुत रहा। पुनः बधाई।हेमन्त
monoshi ji aapki kavita koshoshe suni bahut prabhavshali hai thanks
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4 comments:
मानोशी जी,
आपको ढेरोन बधाइयां और शुभकामनाएं। आपकी कविता आपके ही स्वर में सुनने का अनुभव अद्भुत रहा। पुनः बधाई।
हेमन्त
पतझड़ की पगलाई धूप---आपके ही स्वरों में आज सुना। बहुत बढ़िया।
मानोशी जी,
आपको ढेरोन बधाइयां और शुभकामनाएं। आपकी कविता आपके ही स्वर में सुनने का
अनुभव अद्भुत रहा। पुनः बधाई।
हेमन्त
monoshi ji aapki kavita koshoshe suni bahut prabhavshali hai
thanks
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