Wednesday, October 12, 2005

विभिन्न राशियों की विशेषतायें...(आगे)

भाग ३ के लिये यहां देखें

भाग ४

आइये आब आगे की राशियों को देखें:

तुला राशि : तुला राशि का स्वामि है शुक्र। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है (तराज़ू) ये न्यायवादी होते हैं और हर काम या व्यवहार में सामंजस्य रखने की कोशिश करते हैं। जातक हमेशा सही और गलत के पेच में पडा रहता है मगर सही निर्णय लेता है। ये लोग कला के पुजारी होते हैं । इस राशि के जातक अच्छे प्रेमी, सौन्दर्यप्रिय तथा लोकप्रिय होते हैं। इनकी सुंदर और मनोहर काया होती है।

वृश्चिक राशि: इस राशि का स्वामि है मंगल। भावुक और ईर्ष्यालु ये जातक, क्रोधी भी होते हैं। धन इन्हें उत्तराधिकार में मिलता है। इन्हें प्रेम संबंधों में काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड सकता है। मूडी किस्म के ये लोग अपने निश्चय में दृढ होते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि इनके जीवन की कई बातें गुप्त होती हैं और ये खुली किताब बनना पसंद नहीं करते।

धनु राशि: इस राशि का स्वामि है बृहस्पति। ये जातक अच्छे शिक्षक हो सकते हैं और धर्मभीरु होते हैं। विद्वान व स्वतंत्र विचारों के ये लोग, अच्छे वक्ता होते हैं। साधरणत: अच्छी शादिशुदा ज़िन्दगी गुज़ारते हैं और न्यायवादी होते हैं। इनके कई दोस्त होते हैं और सच्ची बात बड़ी कुशलता से बिना किसी को दु:ख पहुंचाये, कह जाते हैं।

मकर राशि: इस राशि का स्वामि है शनि। अत्यंत बुद्धिमान ये लोग स्वभाव से बेहद स्वार्थी हो सकते हैं। यथार्थवादी ये लोग रिश्तों को सच्चाई से निभाते हैं। इस राशि के जातक किसी भी काम को एकाग्रचित्त हो कर करते हैं। महत्वाकांक्षी ये लोग स्पष्टवक्ता होते हैं। दूरदर्शी ये जातक अपने कामों को पहले से नियोजित कर के ही करते हैं।

कुंभ राशि: इस राशि का स्वामि है शनि। भावुक प्रकृति के ये लोग इन्सानियत की ख़ातिर बहुत कुछ कर जा सकते हैं। शर्मीले भी होते हैं कभी कभी ये लोग और परिवार की ओर से ज़रा सा कम आसक्त मगर स्वाभिमानी। इस राशि के जातक मूडी हो सकते हैं।

मीन राशि: मीन राशि का स्वामि है बृहस्पति। ये लोग बहुत जल्द उत्तेजित हो जा सकते हैं और बेवजह चिन्ता करना इनके प्रकृति में होता है। जल्दी से बात मान लेना इनके लिये मुश्किल होता है और कई बार ये जल्दी से कोई निर्णय नहीं ले पाते। इस राशि के जातक भी भावुक होते हैं और अपने सगी संबंधियों से बहुत जुडे हुये।

आज यहीं तक...बाद में एक छोटे से लेख में मैं पति-पत्नी या किसी जोडे की कुंडली मिलन की कुछ गूढ बातें बताऊंगी। मगर ये तरीका, साधारण रूप से जो ३६ गुण मिलन का होता है, वो नहीं है मगर मैने देखा है कि ये बहुत प्रभावी है। लेख कुछ इस तरह से लिखने कि कोशिश करूंगी कि अगर आप अब तक इस लेख के सारे भागों को पढ रहे हैं तो ज़रूर समझ पायेंगे।

क्रमश: ( प्रकाशन का दिन तय नहीं)...

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