Friday, November 04, 2005

क्या गडबड है?

मेरा ब्लाग अजीब सा व्यवहार कर रहा है। मैने जो लेख लिखा था," दूर के ढोल सुहाने होते हैं..." अब नदारद है मेरे ब्लाग से। पहले तो, ब्लाग पर ये लेख पाठकों को दिखता था मगर मेरे डैशबोर्ड पर नहीं था और न ही कोई टिप्पणी कर सकता था। आज तो पूरी तरह ब्लाग से ही गायब है। ब्लाग दिग्गजों से मदद चाहूंगी। आखिर माजरा क्या है? क्या आप इस पर टिप्पणी कर सकते हैं? पोस्ट करने के बाद मैं देखूंगी कि ये मेरे डैशबोर्ड पर उपलब्ध है या नहीं। अगर आप टिप्प्णी नहीं कर सकते तो कृपया मेरे निजी ई-मेल पर मुझे मेल करें कि इसे कैसे सुधारूं।आखिर हुआ क्या है? और ब्लाग पर पासवर्ड भी नहीं बदला जा सकता है...

khallopapa@yahoo.com

4 comments:

अनूप शुक्ल said...

गड़बड़ लगता है ठीक कर दी जीतेन्दर ने! बधाई।

Atul Arora said...

यह मेरे साथ भी हो चुका है बहुत पहले। मेरा मानना है कि यदि ब्लाग लेख का नाम काफी लँबा हो तो ब्लागर को परेशानी हो जाती है। यह ब्लागर पर प्राकशित होता है पर कोई नया लेख प्रकाशित करते ही डैशबोर्ड और आपके ब्लाग से गायब हो जाता है। नारद भी कन्फठुज हो रहा है। आप अपने लेख का शीर्षक बदल कर छापिये।

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी said...

लगता है अतुल जी ठीक कह रहे हैं। ये लेख फिर गायब हो चुका है। नारद जी तंग आ जायेंगे अब अगर फिर प्रकाशित करूं इसे तो...

Tarun said...

Naam lambe hone ka koi chakkar nahi hai, peechle dino me mene ye ek do aur blog pe note kiya (woh sabhi blogger per hain) Aur unke post ke naam to sirf do shabdo ke thai (same number of letters as in your name). To bhi ye problem tha.

Ye kuch blogger ki internal problem lagti hai.