Sunday, April 30, 2006
मसाला दोसा--यम यम
किसी चीज़ का महत्व उसे खोने के बाद ही पता चलता है। देश से दूर रह कर देसी खाने को हम बहुत तरसते हैं। आज कई सालों बाद दोसा खाया। दोसा हाउस नया खुला है यहाँ। मुझे दोसा बनाना ठीक से नहीं आता। टूटा फूटा सा ही बनता है। आजकल दोसे भी जाने कितने तरह के बनने लगे हैं। प्याज़-दोसा, अंडा-दोसा और तो और चिकन-दोसा भी। मगर मैंने तो अपना सीधा सा मसाला दोसा खाया। मेरी बड़ी इच्छा थी कि मेरा ससुराल कैसे भी दक्षिण भारत में हो, पर ऐसा हुआ नहीं। तो दोसा और इडली कुछ भी खाने को नहीं मिलता। पर साउदी में मैं जहाँ काम करती थी वहां बहुत सारे मलयाली दोस्त बन गये थे। केरल में रहने के लिये जिन चार पंक्तियों को सीखने से काम चल जाता है वो चार पंक्तियाँ सीख डाली थीं( केरल जाना कभी नहीं हुआ है वैसे)। १) 'पेरेन्दा' अर्थात 'आपका नाम क्या है? २) 'एन्द पेर मानसी' अर्थात "मेरा नाम मानसी है" ३) 'एनिक्ये वेश्कुन्नु' अर्थात 'मुझे भूख लगी है' ४) 'एनिक्ये दाहिक्यु' अर्थात 'मुझे प्यास लगी है'। और एक स्लैंग भी सीखा था ' पोड़ी' अर्थात 'चल भाग' या ऐसा ही कुछ। हाँ, तो वहाँ मेरे सहकर्मी अक्सर ही मलयाली भोज का आयोजन करते जिसमें उत्तपम, अप्पम (वो भी तरह तरह के होते हैं) , आदि होते थे। हमारे स्कूल के उस कैंटीन में भी एक रियाल (साउदी रुपया) में दो बडी-बडी इडलियाँ, सांभर और चटनी के साथ मिलती थीं। यम यम। लगता है अब दोसा बनाने की प्रैक्टीस करनी ही पडेगी, सिर्फ़ विधि जानने से नहीं हो जाता, दोसा बनाना भी एक कला है। और बहुत हुआ तो दोसा हाउस ज़िन्दाबाद । वैसे एक मसाला दोसा है ७.५० डालर का अर्थात भारतीय ३०० रुपये के करीब और टैक्स अलग से तो मैं सोच रही थी कि भारत में आजकल किसी अच्छे रेस्तरां में एक मसाला दोसा कितने का मिलता होगा?
दोसा बनाने की विधि:
एक कप चावल
१/४ कप उडद दाल
नमक
चावल व दाल भिगो कर रखें। ७-८ घंटे बाद ज़रा सा दरदरा पीस लें और एक दिन के लियॆ छोड दें। फिर नमक मिला कर उसे नान स्टिक तवे पर एक बडे चम्मच से डालें और फैला दें। तवा काफ़ी गर्म हो और दोसा बनाने से पहले उस पर ज़रा सा तेल या घी छिड़क लें।
आलू का मसाला
आलू
प्याज़
राई के दाने
हरी मिर्च
नमक
हल्दी
बेसन
तेल में राई डालें, प्याज़ भून कर उसमें कटे हुये आलू डाल दें। हरी मिर्च और नमक स्वादानुसार डाल दें। थोडा पकने के बाद बेसन पानी में घोल कर मिला लें और थोड़ी देर और पकायें।
अब इस आलू के मसाले को दोसे में भर कर पेश करें।
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5 comments:
रेसिपी का शुक्रिया
अब तो डोसा बनाकर खाना ही पडेगा
मैं तो अब दोसा वगैरह नहीं खाता। स्कूल जीवन में इतना दोसा खाया है कि मन भर गया, अब तो दोसे को देखते ही भाग खड़े होने जैसे हाल हैं!! ;)
वैसे एक मसाला दोसा है ७.५० डालर का अर्थात भारतीय ३०० रुपये के करीब और टैक्स अलग से तो मैं सोच रही थी कि भारत में आजकल किसी अच्छे रेस्तरां में एक मसाला दोसा कितने का मिलता होगा?
यहाँ दिल्ली में हमारे इलाके में अच्छे रेस्तरां(ऊँची दुकान फ़ीका पकवान) में एक मसाला दोसा लगभग 40 रूपये का मिलता है(वैट अलग से)। पर पास ही एक छोटा सा मद्रासी होटल भी है जिसमें यह कुल 28 रूपये का मिलता है और उसका मसाला दोसा ही क्या, हर चीज़ उस रेस्तरां से अधिक स्वादिष्ट और कम दाम की होती है, तथा उसके सांभर से बढ़िया तो मैंने आज तक किसी और रेस्तरां आदि में नहीं खाया(उससे बढ़िया तो मेरी मौसी ही बनाती हैं)। :D
... वैसे एक मसाला दोसा है ७.५० डालर का अर्थात भारतीय ३०० रुपये के करीब और टैक्स अलग से तो मैं सोच रही थी कि भारत में आजकल किसी अच्छे रेस्तरां में एक मसाला दोसा कितने का मिलता होगा?....
हमारे घर से आगे नुक्कड़ पर एक मद्रासी दोसा वाला नाम से इडली दोसे का ठेला लगाता है. अगर हाइजीन का बहुत डर न हो तो, मात्र दस रुपये में एक मसाला डोसा, और चटनी सांभर चाहे जितना लो.
और, स्वाद में किसी भी बड़े रेस्तराँ से कम नहीं.
भई हमारे यहाँ खाने पीने की कोई कमी नही है, गल्फ़ मे मल्लू(मलयाली) बहुत है।यहाँ पर साउथ की फ़ूड चैन्स भी है, जैसे उडुपी वगैरहा। डोसा खाना हो तो बस पहुँच जाओ, उडुपी।केले के पत्ते(अब यहाँ नही मिलते, सो जुगाड़ु होटलवाले ने केले के पत्ते टाइप की प्लास्टिक मैट मंगवा ली है) पर रवा डोसा या पेपर डोसा खाने जो मजा है, वो कंही नही है। दाम? 1.750 दिनार, यानी Rs.262.50, सांभर जित्ता मांगोगे उतनी बार मिलेगा,मिर्चा डालने के मामले मे ये लोग कोई कंजूसी नही करते, सो इनो का इन्तजाम रखियेगा।तो आ रहे है ना उडुपी में।मैने सीट बुक करवा दी है।...
अईयो,
डोसा भी कोई खाने की चीज है ? मै तो खा खा कर परेशान हो गया हूं।
जो मजा गर्मागरम आलु के परांठो और दही मे है वो दोसे मे कंहा !
जमाना हो गया खाये हुये :-(
आशीष
मद्रास(चेन्नई) से
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