ठंड में खींची थी ये तस्वीर (बर्फ़ से ढकी सूखी टहनियों का जाल)बसंत में नये कोपलों के साथ उन्हीं टहनियों का रूप
रजनीश मंगला की टिप्पणी"बहुत अच्छी तस्वीरें हैं. अपने यहां तो और भी अधिक बर्फ़ पड़ती है। टैम मिलने पर फ़ोटो प्रकाशित करूँगा। "
बढियॉ तस्वीरें हैं मानसी जी।
ये दिल मांगे More...
मुझे तो सूखी टहनियों के जाल वाली फोटो सबसे अच्छी लगी
बहुत सुंदर तस्वीरें है। पहली दो मानव की कला का परिचय हैं तो दूसरी दो प्रकृति की। समस्त चार आपकी सुंदर मिलान का। संदेश पूर्ण प्रस्तुति है।
बढियॉ तस्वीरें हैं ,अच्छी लगी।समीर लाल
मानसी जी, आपकी रचनाएं बहुत अच्छी लगी। ख़ास कर ये जान कर अच्छा लगा कि आप चटर्जी होती हुई भी हिंदी में इतनी दिलचस्पी रखती हैं। आपके प्रयासों के लिए साधुवाद।सुप्रतिम बनर्जी,संवाददाताआज तक।supratim.banerjee@aajtak.com
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7 comments:
रजनीश मंगला की टिप्पणी
"बहुत अच्छी तस्वीरें हैं. अपने यहां तो और भी अधिक बर्फ़ पड़ती है। टैम मिलने पर फ़ोटो प्रकाशित करूँगा। "
बढियॉ तस्वीरें हैं मानसी जी।
ये दिल मांगे More...
मुझे तो सूखी टहनियों के जाल वाली फोटो सबसे अच्छी लगी
बहुत सुंदर तस्वीरें है। पहली दो मानव की कला का परिचय हैं तो दूसरी दो प्रकृति की। समस्त चार आपकी सुंदर मिलान का। संदेश पूर्ण प्रस्तुति है।
बढियॉ तस्वीरें हैं ,अच्छी लगी।
समीर लाल
मानसी जी,
आपकी रचनाएं बहुत अच्छी लगी। ख़ास कर ये जान कर अच्छा लगा कि आप चटर्जी होती हुई भी हिंदी में इतनी दिलचस्पी रखती हैं। आपके प्रयासों के लिए साधुवाद।
सुप्रतिम बनर्जी,
संवाददाता
आज तक।
supratim.banerjee@aajtak.com
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