Sunday, July 30, 2006

अलविदा सुंदर वादियाँ

वैंक्यूवर की सुंदर वादियाँ छोड़ जाने का वक्त आ गया है। एक साल गुज़र गया। इस जगह को यादों में बसाये ज़िन्दगी के एक और मुक़ाम की ओर बढ़ रही हूँ...

इस फूलों के शहर से कुछ तस्वीरें--


बुचर्ट बगीचा, विक्टोरिआ
शहरों को जोड़ते मनोरम पहाड़ी ऊँचे-नीचे रास्ते

यहाँ के आदिवासियों की निराली कला, टोटम पोल


सुंदर वादियाँ, एक दृश्य

नाव से राजधानी विक्टोरिआ जाने की राह में

संसद भवन, विक्टोरिआ

7 comments:

उन्मुक्त said...

इतनी सुन्दर जगह क्यों छोड़ कर जा रहीं हैं

Anonymous said...

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो, हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो

अनूप शुक्ल said...

नई जगह में खुशनुमा दिन बीतने की शुभकामनायें।

Jitendra Chaudhary said...

एक गीत इन हसींन वादियों की तरफ़ से आपके लिए :
तुम को भी है ख़बर
मुझको भी है पता
हो रहा है जुदा
हम दोनो का रास्ता
दूर जाके भी मुझसे
तुम मेरी यादो मे रहना
कभी अलविदा ना कहना
कभी अलविदा ना कहना


अब नयी जगह पर जाकर, वहाँ के बारे में जल्दी से लिखिए।

Manish Kumar said...

बेहद खूबसूरत दृश्य हैं ! वाकई इतनी सुंदर जगह छोड़ के जाने का मन नहीं करता होगा ।

ई-छाया said...

मानसी जी, देश से बिछडे हम हजारों भारतवासियों (खासतौर पर संगणक के क्षेत्र में)का हाल बंजारों जैसा है। आज इस बस्ती तो कल उस बस्ती, अपना तम्बू यहां गाडो, वहां से उखाडो, सतत् यायावर।

अनूप भार्गव said...

हमें तुम्हारे इतनी सुन्दर जगह छोड़नें का बिल्कुल भी अफ़सोस नहीं हो रहा । हमारे शहर से नज़दीक जो आ रही हो :-)