सुबह सुबह सफ़ेद स्कूल की पोशाक में असेम्बली के लिये जमा हुये बच्चों की कतारों में कई मासूम ऊंची आवाज़ों की गूँज़, ’हम एक हैं, हम एक हैं, एक है अपना नारा, सारे जहाँ से अच्छा है हिन्दोस्तां हमारा" , तिरंगे के फ़हरने का इंतज़ार करती चुलबुली क़तारें, हवा में ऊँचे लहराते स्वतंत्र तिरंगे से रंगबिरंगे फूलों की वर्षा, राष्ट्र गान का समापन और उन नन्हें हाथों में दो लड्डू। कहाँ गये वो दिन....
६१वें स्वतंत्रता दिवस की सभी को शुभकामनायें।
6 comments:
aapko bhi swatantrata divas ki shubhkamnayen.Jhanda ooncha rahe humara
मिठाई का रुप बदल गया है अब बिस्कुट और टॉफी मिलती हैं। बच्चे उसी तनमयता से लपकते हैं। क्योंकि बच्चे हमेशा एक से रहते हैं।
मिठाई का रुप बदल गया है अब बिस्कुट और टॉफी मिलती हैं। बच्चे उसी तनमयता से लपकते हैं। क्योंकि बच्चे हमेशा एक से रहते हैं।
आपको भी स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें..
***राजीव रंजन प्रसाद
आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं
जन भारत के,
फिर से छेड़ें, संग्राम एक
जन-जन की आजादी लाएँ।
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
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