Wednesday, October 22, 2008

पिया भोलो अभिमान- अजय चक्रवर्ती

हर पल, हर ज़र्रा
सिर्फ़ उनसे है,
उन ही से है कायनात।
उन्हें महसूस कर हर साँस में,
मेरा क़तरा क़तरा
डूब कर पिघल जाता है
और फिर आख़िर में जाकर
मिलता है उन ही से...
ये क्या है,
इंतेहा कि आग़ाज़?


डूब कर सुनिये और आनंद लीजिये अजय चक्रवर्ती द्वारा गाये इस गीत का -पिया भोलो अभिमान





हिन्दी में बोल के अर्थ कुछ यूँ होंगे

पिया भूलो अभिमान
मधु रात बीती जाये

क्यों छलकती जाये अँखिया
सुनो, कहो कुछ तो बोलो
क्या सजती है दूरी पिया
मायामयी ज्योत्स्ना रातिया

3 comments:

पारुल "पुखराज" said...

khuub!! baar baar suna

RADHIKA said...

bahut hi sundar geet .acchha geet sunvane ke liye dhanywad

शोभा said...

वाह! मज़ा आ गया. मधुर गीत है.