कल से ही शोर था रेडियो पर, बर्फ़ीला तूफ़ान आ रहा है। १० से.मी, स्नो की आशंका है। कल जल्दी निकल आना चाहती थी काम से, पर वही, ठीक बर्फ़ गिरनी शुरु हुई, तभी निकली। बर्फ़ रास्तों पर तब जमनी शुरु नहीं हुई थी। सारी रात बर्फ़ गिरी, और आज सुबह- ओह! कीचड़ से सने और फ़िसलते रास्ते। बस, ये तो अभी एक रिहर्सल है, आगे कई और इससे कहीं भयंकर बर्फ़ीली तूफ़ानें होंगी, प्रति मिनट एक रोड ऐक्सीडेंट की ख़बर होगी, रेडियो पर लगातार...नार्मल है वैसे ये सब, मौसम के नये नये रंग, ज़िंदगी जैसे ही...और सच...तभी तो ये ज़िंदगी है...
आइये देखें कुछ तस्वीरें-
फ़र्क़
बर्फ़ की सफ़ेदी ओढ़ने से पहले सिंदूर में रंगे से पत्ते, जो कुछ दिनों में ही झर गये
बर्फ़ के बाद आज इनका रूप
बर्फ़ में खेलते स्कूली बच्चे- मौसम का हर रंग सुंदर इनके लिये
4 comments:
bahut khubsurat
yehan to diwali ke din is mausam ki pehli burf pari thi. Humne bhi white diwali mana hi li ;)
bahut khub
wahi to ..yahi jindagi hai....aur ise samjh paana aasan nahin hai.....pics achhi hain....
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